धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धनवंतरी और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदने से घर में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
दीपावली के महापर्व की शुरूआत धनतेरस के त्योहार से होती है। इस बार धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर 2022 शनिवार को मनाया जाएगा ! 22 अक्टूबर को प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी में लक्ष्मी ,कुबेर & धनवंतरी ऋषि के पूजन का उत्तम मुहूर्त ! वृष लग्न-:-06:44 संध्या से 08:41 तक ! सिंह लग्न-:-01:12 रात्रि से 03:26 तक !
धनतेरस के दिन धनकुबेर और धनवंतरी देव की पूजा होती है, इसलिए इस पर्व को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
समुद्र मंथन की पौराणिक-:- कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे, इसलिए उनके अवतरण दिवस के रूप में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और उनका पूजन होता है। भगवान धनवंतरी को औषधि और चिकित्सा का देवता माना जाता है। वह खुद भगवान विष्णु के अंशावतार है और संसार को आरोग्य प्रदान करते हैं।
इसके अलावा, धनतेरस पर्व मनाने के पीछे भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा का भी उल्लेख आता है। भागवत पुराण के अनुसार, धनतेरस के दिन ही वामन अवतार ने असुरराज बलि से दान में तीनों लोक मांगकर देवताओं को उनकी खोई हुई संपत्ति और स्वर्ग प्रदान किया था। इसी उपलक्ष्य में देवताओं नें धनतेरस का पर्व मनाया था।
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी के पूजन से स्वास्थ्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है, तो वही धन कुबेर के पूजन से धन और संपत्ति की। धनतेरस का त्योहार घर में सुख-समृद्धी के आगमन का त्योहार है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर यमदीपक जलाने का भी विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज अकाल मृत्यु से अभय प्रदान करते हैं। मान्यता है कि घर की गृहलक्ष्मी यदि दीपदान करती है तो घर के सदस्य रोगमुक्त और आरोग्य होते हैं !