त्रयोदशी तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित की गई है। यही कारण है कि इस दिन महादेव का अभिषेक किया जाता है, उनकी विशेष पूजा की जाती है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत एवं शिव की आराधना करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसे भक्तों को मोक्ष तो मिलता ही है, वे इस पृथ्वी पर भी समस्त प्रकार के सुख व सौभाग्य प्राप्त करते हैं।
#त्रयोदशी पर ऐसे करें शिव की पूजा-:-
महादेव सभी देवों के भी देव हैं, इस पूरी सृष्टि में ऐसी कोई चीज या वरदान नहीं, जो वह नहीं दे सकते हैं। यही कारण है कि देवता, मनुष्य, राक्षस सभी उनकी पूजा करते हैं। आप यदि किसी विशेष उद्देश्य को लेकर उनकी आराधना करना चाहते हैं तो प्रदोष पर रुद्राभिषेक करवा सकते हैं या सहस्रघट करवा सकते हैं।
यदि आपकी इतनी सामर्थ्य नहीं है तो आप अपने घर के निकट किसी शिव मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं। इसके लिए मंदिर में जाकर शिवलिंग व शिव पंचायत को गंगाजल व पंचगव्य से स्नान कराएं। शिवलिंग, मां पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय व नंदी को पुष्प, माला, प्रसाद आदि अर्पित करें। इसके बाद उनकी आरती करें और यथासंभव उनके पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का अधिकतम जप करें। इस प्रकार आपकी पूजा पूर्ण होगी। कहा जाता है कि शिव की पूजा समस्त फलों को देने वाली है।
त्रयोदशी पर करें ये उपाय -:-
अलग-अलग उद्देश्यों के लिए भगवान शिव का अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने का विधान बताया गया है। समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए दूध से, कॅरियर में ग्रोथ के लिए गन्ने के जूस से, किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए पांच अलग-अलग फलों के जूस से, धन की प्राप्ति के लिए शहद अथवा घी से अभिषेक करना चाहिए। आप भी किसी योग्य विद्वान की सहायता से इनमें से कोई भी एक उपाय कर सकते हैं
#बड़े-से-बड़े संकट की काट हैं.
#भोलेनाथ श्मशान में रहने वाले हैं। उनके लिए कुछ भी भक्ष्य या अभक्ष्य नहीं हैं, उन्हें सच्चे मन से जो भी चढ़ाया जाएगा, वह उसे ग्रहण कर लेंगे। फिर भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ये निम्न प्रकार हैं.
इस दिन केवल फलाहार करें, स्वास्थ्य संबंधी कारण होने पर इस नियम को भंग जा सकता है।
मांस, मदिरा, अंडा, शराब, नशीले पदार्थों आदि का सेवन भूल से भी न करें।
प्रदोष व्रत के दिन पूरे नियम और ब्रह्मचर्य के साथ रहें। मन में किसी भी तरह का बुरा विचार न लाएं।
इस दिन जितना संभव हो, दूसरों की सहायता करें। किसी का भी तिरस्कार या अपनान न करें।