इस वर्ष शारदीय नवरात्र 15 रविवार 2023 से प्रारंभ होकर 24 अक्टूबर मंगलवार 2023 तक मनाया जाएगा.
#इस वर्ष नवरात्र में किसी भी तिथि का छय नहीं है.
#कलश स्थापना -:-15 अक्टूबर रविवार 2023 को ( अभिजीत मुहूर्त-:- 11:36 से लेकर 12:24 ) के मध्य किया जाएगा. इसके साथ भक्त प्रातः 06:25 से लेकर के संध्या 05:25 तक कलश स्थापना करेंगे.
#बिल्व निमंत्रण-:-20 अक्टूबर शुक्रवार 2023.
#पत्रिका प्रवेश & सरस्वतीपूजन-:- 21 अक्टूबर शनिवार 2023.
#निशा पूजन 21अक्टूबर शनिवार 2023 को रात्रि में संपन्न होगा.
#महाष्टमी व्रत-:- 22 रविवार अक्टूबर 2023
#महानवमी व्रत & हवन-:-23 अक्टूबर सोमवार 2023 को जाएगा.
#इस वर्ष अपराजिता पूजन & शमी पूजन-:- ( विजयदशमी & दशहरा ) का पुनीत पर्व 24 अक्टूबर मंगलवार 2023 को मनाया जाएगा.
#मां शैलपुत्री को सफेद और शुद्ध भोग्य खाद्य पदार्थ पसंद हैं। इसीलिए पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है। अगर घर परिवार को निरोगी जीवन और स्वस्थ शरीर चाहिए तो मां को गाय के शुद्ध घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं।
#नवरात्र के दूसरे दिन यानी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के दिन उन्हें मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं। मां को मिश्री जैसा शुद्ध मीठा पसंद है और इस भोग के अर्पण से प्रसन्न होकर मां साधक को लंबे और निरोगी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
#मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजें पसंद हैं। इसलिए पूजा के समय मां को दूध और दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं। इसमें खीर, रसगुल्ला और मेवे से बनी मिठायां भी शामिल हो सकती हैं। भोग लगाने के बाद यही चीजें प्रसाद के रूप में वितरित करें। प्रसन्न होकर मां लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का नाश करेंगी और सुख समृद्धि का घर में वास होगा।
#मां कुष्मांडा को मालपुआ पसंद है। मां को शुद्ध देसी घी में बने मालपुए का भोग लगाएं और पूजा के बाद इसे प्रसाद के तौर पर किसी ब्राह्मण को दान कर दें। खुद भी खाएं और घरवालों को भी खिलाएं। प्रसन्न होकर मां घर और परिवार जनों की बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती है। खासकर विद्यार्थियों को इस दिन पूजा से बहुत बड़ा फल मिलता है।
#पंचमी तिथि की देवी मां स्कंदमाता को प्रसाद के रूप में केला पसंद है। इसीलिए इस दिन पूजा करके उनके सामने केले का भोग लगाएं। चाहें तो दूसरे फल भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद प्रसाद को ब्राह्मण को दे देना चाहिए। मां प्रसन्न होकर घर भर की सेहत और धन धान्य में वृद्धि करती हैं।
#षष्ठी तिथि की देवी मां कात्यायनी को भोग में शहद पसंद है। इस दिन शुद्ध शहद का भोग लगाकर देवी का पूजन करें। खुद भी किसी न किसी रूप में शहद का सेवन जरूर करें। मां प्रसन्न होकर भक्तों को सुंदर रूप और निरोगी काया का वरदान देती हैं।
#सप्तमी तिथि की देवी मां कालरात्रि को भोग में गुड़ के नैवेद्य अर्पित करें। पूजा के बाद गुड़ को ब्राह्मण को दान कर दें और गुड़ के बने प्रसाद को वितरित कर दें। इससे लंबे समय से चले आ रहे शोक मिट जाते हैं और खुशियां आती हैं।
#अष्टमी का दिन मां महागौरी की पूजा का दिन है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं। मां को नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
#नौंवे दिन यानी महानवमी को हलवे, चने और पूरी का भोग लगाना चाहिए और कन्या पूजन के समय वही प्रसाद कन्याओं को वितरित करना चाहिए दुर्गा मां को हलवा पूरी का प्रसाद प्रिय है और नवमी को हुए परायण से साधक को हर तरह से सुख संपन्नता का वरदान वरदान मिलता है.
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#आध्यात्मिक गुरु कमलापति त्रिपाठी ""प्रमोद""