💐🌻💐जो अगहनमें (मार्गशीर्ष में) तुलसीदल
और आँवलोंसे भक्तिपूर्वक मेरी सेवा करता है,
वह मनोवांछित फलको पाता है।
बेला, चमेली, जूही, अतिमुक्ता (माधवी लता),कनेर, वैजयन्ती, विजया, चमेलीके गुच्छे, कर्णिकार, कुरैया, चम्पक, चातक, कुन्द, कचूर, मल्लिका,अशोक, तिलक तथा अपरयूथिका इत्यादि फूल मेरी पूजाके लिये उत्तम होते हैं। केतकीका पत्ता और पुष्प, भृंगराज, तुलसीका पत्ता और फूल- ये सब मुझे शीघ्र प्रसन्न करनेवाले हैं। लाल,| नील और सफेद कमल मार्गशीर्षमासमें मुझे अत्यन्त प्रिय हैं। मेरी पूजाके लिये वे ही फूल उत्तम माने गये हैं, जो सुन्दर रंगवाले होनेके साथ ही सरस और सुगन्धित हों बिल्वपत्र,शमीपत्र,भृंगराजपत्र और आमलकीपत्र (आंवले के पत्ते) – ये मेरे पूजनके लिये शुभ हैं। वन अथवा पर्वतमें उत्पन्न होनेवाले फूल और पत्र यदि तुरंतके तोड़े हुए छिद्ररहित और कीटवर्जित हों, तो उन्हें जलसे धोकर उनके द्वारा मेरी पूजा करनी चाहिये। बगीचे में खिलनेवाले फूलोंसे भी मेरी पूजा की जा सकती है। जिन वृक्षोंके फूल मेरी पूजाके लिये उत्तम माने गये हैं,उनके पत्ते भी उत्तम हैं। फूलों और पत्तोंकेअभावमें उनके फल भी चढ़ाये जा सकते हैं। (स्कन्द पुराण वैष्णव खंड )💐🌻💐
आध्यात्मिक गुरु श्री कमलापति त्रिपाठी ""प्रमोद""💐🌻💐