🌼💥दीपावली💥🌼
🌻इस वर्ष कार्तिक अमावस्या {दीपावली} का प्रसिद्ध प्रकाश उत्सव पर्व 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा.
🌻🌼 दीपावली पर 500 वर्षों में बना यह दुर्लभ योग संयोग🌻🌼 सदियों बाद 8 शुभ योग में रविवार को अमावस्या के साथ पांच राजयोग बना रहे हैं.अष्टलक्ष्मी महायोग का ऐसा दुर्लभ संजोग पिछले 500 वर्षों में देखा गया है. गजकेसरी योग ,उभयचरी योग, काहाल योग,हर्ष योग और दुर्धरा नाम के पांच राज योग के संयोग से दीपावली पर अत्यंत महत्वपूर्ण संयोग बन रहा है. इसे राज्यों के प्रभाव से अपूर्व धन लाभ संपत्ति और प्रतिष्ठा की प्राप्ति स्थिर लक्ष्मी अपूर्व सफलता प्रतिष्ठा के साथ संपन्नता की प्राप्ति होगी. महालक्ष्मी योग में मालामाल होंगे मेष, कन्या, तुला और कुंभ राशि वाले. इसमें विशेष रूप से कुंभ राशि वाले जातक अपूर्व सफलता के साथ अपार है धन लाभ, नवीन वाहन, भवन, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपूर्व सफलता और मान & सम्मान के साथ आपके ऊपर भगवती महालक्ष्मी की असीम कृपा बरसेगी.
पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर इसका समापन होगा. कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व स्नान करने का विधान है.
अभिजित मुहूर्त-:- 11.36 दोपहर 12.24.
कार्तिक अमावस्या की रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं, जिस घर में शांत वातावरण, स्वच्छता और प्रकाश होता है, देवी के स्वागत में भक्तजन भगवती का विधिवत पूजन, श्री सुक्त, कनकधारा स्तोत्र पाठ, रात्रि जागरण,भजन-कीर्तन, जप लक्ष्मी & कुबेर मंत्र जाप हवन, स्तोत्र-पाठ करते हुए करते हैं, वहां धन-संपत्ति की अधिष्ठात्री विष्णुप्रिया लक्ष्मी ठहरकर विश्रम करती हैं. स्थिर लग्न सिंह लग्न में भगवती लक्ष्मी मध्य रात्रि में व्यापार और घर में प्रवेश करती है अचल लक्ष्मी और नव निधि के रूप में वह सर्वदा इस दिन स्थिर होती है. परिवार को धन-समृद्धि से परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद देती हैं.
भविष्य पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या पर सुबह चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूर्व ही तीर्थ स्नान कर लेना चाहिए. मान्यता है इससे पितर, मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं. पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या को गीता पाठ, अन्न , दीप दान असहाय को दान करना चाहिए.
इसके साथ ही विष्णुप्रिया तुलसी की रोजाना पूजा करें, भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए. इससे धनागमन होता है. अन्नदान करने से सुख बढ़ता है, जातक को दीर्धायु का वरदान मिलता है.
स्थिर लग्न में भगवती लक्ष्मी & गणेश के पूजन का शुभ मुहूर्त-:-
कुंभ लग्न-:- 01:08 से लेकर 02:39 तक.
वृष लग्न-:-05:43 से लेकर 07:40 तक.
सिंह लग्-:- 12:12 मध्य रात्रि से 02:26 तक.
दीपावली के दिन श्रद्धा भक्ति और प्रेम से भगवती लक्ष्मी & गणपति & कुबेर का पूजन करने से भगवती अचल लक्ष्मी के रूप में परिवार और व्यापार में निवास करती है.
🌻🌼🌻आध्यात्मिक गुरु श्री कमलापति त्रिपाठी ""प्रमोद"🌻🌼🌻
🌻तिरुपति विद्वत्त परिषद🌻