#इस वर्ष 06 सितंबर को गृहस्थ और 07 सितंबर को वैष्णव जन्माष्टमी मनाएंगे...
हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। मथुरा में यह त्योहार और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। इस साल गृहस्थ 06 सितंबर और वैष्णव 07 सितंबर के दिन जन्माष्टमी का प्रसिद्ध पर्व मनाएंगे।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि के समय कारागार में हुआ था।
सदियों से भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही श्रृद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भाई कंस के अत्याचार सहते हुए कारागार में बंद माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान ने पृथ्वी को कंस के आतंक से मुक्त कारने के लिए अवतार लिया था। इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
#कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व-:-
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि यह पर्व विशेष महत्व रखता है। भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं। मंदिरों में विशेष सजावट करके भगवान की प्रक्टोत्सव को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ स्थानों में दही-हांडी का भी उत्सव रखा जाता है। मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्मोत्सव के समय सभी लोग मंदिरों में एकत्रित होकर विशेष पूजा करते हैं।
#कृ्ष्ण जन्माष्टमी पर करं भगवान की विशेष पूजा -:-
#कैसे करें भगवान को प्रसन्न
भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए सभी लोगों को श्रृद्धानुसार उपवास और विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। घर में मौजूद भगवान की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र पहना कर, धूप-दीप से वंदन करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें, चंदन लगाएं। भगवान कृष्ण को दूध-दही, मक्खन विशेष पसंद हैं, ऐसे में इसका प्रसाद बनाएं और भगवान को अर्पित करें, सभी को वही प्रसाद दें।
#आध्यात्मिक गुरु श्री कमलापति त्रिपाठी ""प्रमोद""