🌻आषाढ़ मासिक शिवरात्रि क पौराणिक महत्व🌻
सभी देवों में भगवान शिव शंकर का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। शिव जी को बहुत दयालु माना जाता है। कहा जाता है कि शिवलिंग पर सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से ही महादेव खुश हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। इनकी पूजा के लिए सोमवार के अलावा कई तिथियां उत्तम मानी गई हैं। इन्हीं तिथियों में से एक है मासिक शिवरात्रि। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विधान है। मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 22 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 17 जून शनिवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि के लिए निशा पूजा का मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है .आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून 2023 शुक्रवार रखा जाएगा
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक है। फिर इसके बाद दोपहर में उत्तम मुहूर्त 12 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक है। रात में लाभ-उन्नति मुहूर्त 09 बजकर 51 मिनट से रात 11 बजकर 07 मिनट तक है। वहीं निशीथ पूजा का मुहूर्त देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है।
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करें।
इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए।
शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें।
यदि घर पर शिवलिंग है तो दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें।
पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें।
अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।
🌻आध्यात्मिक गुरु श्री कमलापति त्रिपाठी ""प्रमोद""🌻