👏🚩🌼👏मां सरस्वती का वाहन हंस होता है। हंस ज्ञान और अद्भुता का प्रतीत होता है। इसके साथ ही हंस के सामर्थ्य और गति मां सरस्वती के ज्ञान और कला की प्रतिष्ठा करती है। मां सरस्वती की पूजा करने से विज्ञान,कला,विद्या, वाणी,बुद्धि,संगीत की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म विद्या एवं नृत्य संगीत क्षेत्र की अधिष्ठात्री के रूप में दक्षिणामूर्ति/नटराज शिव एवं सरस्वती दोनों को माना जाता है। इसी कारण दुर्गा सप्तशती की मूर्ति रहस्य में दोनों को एक ही प्रकृति का कहा गया है। अतः सरस्वती के १०८ नामों में इन्हें शिवानुजा (शिव की छोटी बहन) कहकर भी संबोधित किया गया है।
भगवती सरस्वती
शुक्लवर्ण,शुक्लाम्बरा, वीणा-पुस्तक-धारिणी तथा श्वेतपद्मासना कही गई हैं। इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। माघ शुक्ल पंचमी श्रीपंचमी/बसंतपंचमी) को इनकी विशेष रूप से पूजन करने की परंपरा है। देवी
की उपासना से सब प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ये संगीतशास्त्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। ताल,स्वर,लय, राग-रागिनी आदि का प्रादुर्भाव भी इन्हीं से हुआ है सात प्रकार के स्वरों द्वारा इनका स्मरण किया जाता है, इसलिए ये स्वरात्मिका कहलाती हैं। सप्तविध स्वरों का ज्ञान प्रदान करने के कारण ही भगवती सरस्वती की आराधना की जाती है।
सरस्वती पूजा के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की श्रद्धा भक्ति से पूजा की जाती है।
सरस्वती पूजा से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है और चित्त की चंचलता और अस्वस्थता दूर होती है। मस्तिष्क से जुड़े रोगों में आराम मिलता है। कल्पना शक्ति बढ़ती है। विस्मृति और प्रमाद जैसी समस्याएं दूर होती है।सौभाग्य मिलता है। विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
सरस्वती पूजा से आचार और मेधा बढ़ती है।
सरस्वती वंदना मंत्र का जाप करें। मन्दबुद्धि लोगों के लिए गायत्री महाशक्ति का सरस्वती तत्त्व अधिक हितकारक सिद्घ होता है। बौद्धिक क्षमता विकसित करने,चित्त की चंचलता एवं अस्वस्थता दूर करने के लिए सरस्वती साधना की विशेष उपयोगिता है। मस्तिष्क-तंत्र से संबंधित अनिद्रा, सिर दर्द्,तनाव,जुकाम से निजात मिलता है।
मां सरस्वती को विशेष रूप से सफेद और पीले रंग के फूल प्रिय होते हैं।इन फूलों को अर्पित करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धि, ज्ञान, और कला में सफलता मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती को कमल,कनेर,गुलाब, चांदनी,गेंदा,चमेली, चंपा,जूही,और अपराजिता पुष्प से पूजन ककरें तो मां सरस्वती बहुत प्रसन्न होती है।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को बूंदी का भोग लगाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
पीले चावल को घी, चीनी,केसर और पंचमेवा मिलाकर तैयार करके मां सरस्वती को भोग लगाना शुभ माना जाता है।
मां सरस्वती को मीठी पूरी का भोग लगाने से जीवन में ज्ञान, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है.
आप मां सरस्वती को बेसन के लड्डू का भोग लगाते हैं, तो आपको करियर और पढ़ाई में सफलता मिलती है।
🚩👏🚩आध्यात्मिक गुरु पं कमला पति त्रिपाठी "प्रमोद"